बीदावत राठौड़:- जोधपुर के राव जोधा जी के पुत्र राव बीदा जी के वंशज बीदावत राठौड़ कहलाते है । राजपुताना इतिहास में बीदावत राठौड़ो की 20 खापें है । बीदा ने कई युद्धों में वीरता दिखाई थी । उन्हें “राजा” की पदवी दी गयी थी ।
राव जोधा जी ने छापर -द्रोणपुर मोहिलों से जीतकर राव बीदा जी को दे दिया था । मोहिल बैरसल व नरबद सहायता चाहने के लिए दिल्ली बादसाह बहलोल लोदी के पास गए ।सुल्तान ने हिसार से सारंग खां को बैरसलकी सहायतार्थ भेजा ।बीदा उनकी मुकाबला करने में असमर्थ था ।बीका ने आपने भाई बीदा की सहायता की और शत्रु को पराजीत किया तथा बीदा को छापर -द्रोणपुर दिलवा दिया । इससे बीदा प्रभावित हुए और उन्होंने बीका की पराधीनता स्वीकार कर ली । बीदा ने कई युध्धों में वीरता दिखाई थी । उन्हें राजा की पदवी दी गयी थी । बीदा ने आपने जीवन काल में बड़े पुत्र उदयकरण को द्रोणपुर और संसारचन्द्र को पड़िहार दिया । उदयकरण के पुत्र कल्याणदास द्वारा लूणकरण बीकानेर का विरोध करने के कारन द्रोणपुर से कल्याणदास का अधिकार हट गया । बीदा की सम्पुरण भूमि पर संसारचन्द्र के पुत्र सांगा का अधिकार हो गया । सांगा के पुत्र गोपालदास के पुत्रों से बीदावतों की कई खापें की उत्पति हुयी, जो निम्न प्रकार है -
बीदावत राठौड़ो के सब ठिकानों का विवरण इस प्रकार है –
01 - उदयकरणोत (उदयकर्णोत) बीदावत - राव बीदा जी के बड़े पुत्र राव उदयकरण जी के वंशज उदयकरणोत (उदयकर्णोत) बीदावत कहलाये है । इनका ऐक ठिकाना भीडासी जोधपुर था । बीकानेर रियासत में ये जासासर, ढाकालो, अगनउ ऊँन आदी गाँवो में रहते है।
राव उदयकरण जी - राव बीदा जी - राव जोधा जी
02- हरावत बीदावत - राव बीदा जी के पुत्र राव हरा जी (हरजी) के वंशज हरावत बीदावत कहलाये है।
राव हरा जी (हरजी) - राव बीदा जी - राव जोधा जी
03- भीवराजोत बीदावत - राव बीदा जी के चतुर्थ पुत्र भीवराज के वंशज भीँवराजोत बीदावत कहलाये है।
राव भीँवराज जी - राव बीदा जी - राव जोधा जी
04 - बैरसलोत बीदावत - राव बीदा जी के पांचवे पुत्र राव बैरसल जी के वंशज बैरसलोत बीदावत कहलाये है इनका उप नाम फूलणी भी है ।
राव बैरसल जी - राव बीदा जी - राव जोधा जी
05 - भोजराज बीदावत - राव बीदा जी के आठवें पुत्र राव भोजराज जी के वंशज भोजराज बीदावत कहलाये है।
राव भोजराज जी - राव बीदा जी - राव जोधा जी
06 - रासावत बीदावत - राव उदयकरण जी के पुत्र राव अर्जुन जी, राव अर्जुन जी के पुत्र राव रासावत जी के वंशज रासावत बीदावत कहलाये है।
राव रासावत जी - राव अर्जुन जी - राव उदयकरण जी - राव बीदा जी - राव जोधा जी
07 - जालपदासोत बीदावत - राव सूरावत जी के पुत्र राव जालपदास जी के वंशज जालपदासोत बीदावत कहलाये है।
राव जालपदास जी - राव सूरावत जी - राव संसारचन्द्र जी - राव बीदा जी - राव जोधा जी
08 - खंगारोत बीदावत - राव जालपदास जी के पुत्र राव खंगार जी के वंशज खंगारोत बीदावत कहलाते है । इनके लोहा खुडी, कनवारी (दोलड़ी ताजीम) हामूसर (सादी ताजीमी) गोरीसर आदी ठिकाने थे । ईन की 2 खाँपे हैँ-
किशनदासोत खंगारोत - राव खंगार जी के पुत्र राव किशनदास जी के वंशज किशनदासोत खँगारोत कहलाये है। इनका ठिकाना खूङी।
मानसिँहोत खँगारोत- मानसिंह, श्यामसिँह, उदसिँह (उदयसिँह), किशनदास का ठिकाना गोरीसर ।
मानसिंह - राव किशनदास जी - राव खंगार जी - राव जालपदास जी - राव सूरावत जी - राव संसारचन्द्र जी - राव बीदा जी - राव जोधा जी ।
श्यामसिँह - राव किशनदास जी - राव खंगार जी - राव जालपदास जी - राव सूरावत जी - राव संसारचन्द्र जी - राव बीदा जी - राव जोधा जी ।
उदसिँह (उदयसिँह) - राव किशनदास जी - राव खंगार जी - राव जालपदास जी - राव सूरावत जी - राव संसारचन्द्र जी - राव बीदा जी - राव जोधा जी ।
09- मदनावत बीदावत:- राव पाता जी के पुत्र राव मदना जी के वंशज मदनावत बीदावत कहलाते है । इनका सोभासर दोलड़ी ताजीमी का ठिकाना था ।
राव मदना जी - राव पाता जी - राव किशनदास जी- राव खंगार जी - राव जालपदास जी - राव सूरावत जी - राव संसारचन्द्र जी - राव बीदा जी - राव जोधा जी
(राव सांगा जी - संसार चंद का - यह वंश साँगावत कहलाया।)
10 - रामदासोत बीदावत:- राव संसारचन्द्र जी के पोत्र (पोता) व रामदास जी के वंशज रामदासोत बीदावत कहलाते है ।
राव रामदास जी - राव सांगा जी - राव संसारचन्द्र जी - राव बीदा जी - राव जोधा जी
11 - सांवलदासोत बीदावत:- राव गोपालदास जी के भाई व राव सांगा जी के पुत्र राव सांवलदास जी के वंशज ।
राव सांवलदास जी - राव सांगा जी - राव संसारचन्द्र जी - राव बीदा जी - राव जोधा जी
राव गोपालदास जी - राव सांगा जी -
- राव संसारचन्द्र जी - राव बीदा जी - राव जोधा जी
21 – धनावत बीदावत - सांगा के पुत्र राममल के वंशज धनावत बीदावत कहलाते है ।
राव धनावत जी - राव राममल जी - राव सांगा जी - राव संसारचन्द्र जी - राव बीदा जी - राव जोधा जी
22. - डूंगर सिहोत बीदावत - राव बीदा जी के छठे पुत्र डूंगरसिंह के वंशज डूंगर सिहोत बीदावत कहलाये है।
बीदावत राठौड़ो का पीढी क्रम इस प्रकार है –
01 - उदयकर्णोत बीदावत:- राजा उदयकरण - राजा बीदा - राव जोधा जी - राव रिडमल जी - राव चुंडा जी - राव विरम देव जी - राव सलखा जी – राव टीडा जी - राव छाड़ा जी - राव जालणसी जी - राव कानपाल जी - राव रायपाल - राव धुहड़ जी - राव आस्थान जी - राव सीहा जी ।
02 - जालपदासोत बीदावत:- जालपदासोत - ? - राजा संसारचन्द्र जी - राजा बीदा जी - राव जोधा जी - राव रिडमल जी - राव चुंडा जी - राव विरम देव जी - राव सलखा जी – राव टीडा जी - राव छाड़ा जी - राव जालणसी जी - राव कानपाल जी - राव रायपाल - राव धुहड़ जी - राव आस्थान जी - राव सीहा जी ।
03. - किश्नावत बीदावत:- किशन दास – जालपदास - - राजा बीदा जी - राव जोधा जी - राव रिडमल जी - राव चुंडा जी - राव विरम देव जी - राव सलखा जी – राव टीडा जी - राव छाड़ा जी - राव जालणसी जी - राव कानपाल जी - राव रायपाल - राव धुहड़ जी - राव आस्थान जी - राव सीहा जी ।
04. - रामदासोत बीदावत:- रामदास - ?- संसारचन्द्र - सांगा -
05. - गोपालदासोत बीदावत:- इनकी निम्न खापें ।
गोपालदास - संसारचन्द्र - सांगा -
रामदास - संसारचन्द्र - सांगा -
• (1).प्रथ्विराजोत बीदावत:- प्रथ्वीराज - जसवंतसिंह - गोपालदास -
• (2).मनोहरदासोत बीका:- मनोहर दास - जसवंतसिंह- गोपालदास -
• (3) तेजसिंहोत बीदावत:-तेजसिंह – गोपालदास -
• (4.) केशरदासोत बीदावत:- केशवदास – गोपालदास -
06. - सांवलदासोत बीदावत:- सांवलदास – सांगा -
07. - धनावत बीदावत:- राममल – सांगा -
08. - सीहावत बीदावत:- सिन्हा – सांगा
09. - दयालदासोत बीदावत:- दयालदास – संसारचन्द्र - सांगा -
10. - धेनावत बीदावत:- धेना - रायमल - संसारचन्द्र - सांगा -
11. - मदनावत बीदावत:- मदना - सेवाचंद्र – बीदा -राजा बीदा - राव जोधा जी - राव रिडमल जी - राव चुंडा जी - राव विरम देव जी - राव सलखा जी – राव टीडा जी - राव छाड़ा जी - राव जालणसी जी - राव कानपाल जी - राव रायपाल - राव धुहड़ जी - राव आस्थान जी - राव सीहा जी ।
12. - खंगारोत बीदावत:- खंगार जी - सूरा - जालपदास –राजा बीदा - राव जोधा जी - राव रिडमल जी - राव चुंडा जी - राव विरम देव जी - राव सलखा जी – राव टीडा जी - राव छाड़ा जी - राव जालणसी जी - राव कानपाल जी - राव रायपाल - राव धुहड़ जी - राव आस्थान जी - राव सीहा जी ।
13. - हरावत बीदावत:- हरजी – - राजा बीदा - राव जोधा जी - राव रिडमल जी - राव चुंडा जी - राव विरम देव जी - राव सलखा जी – राव टीडा जी - राव छाड़ा जी - राव जालणसी जी - राव कानपाल जी - राव रायपाल - राव धुहड़ जी - राव आस्थान जी - राव सीहा जी ।
14. - भीवराजोत बीदावत:- भीँवराज – - राजा बीदा - राव जोधा जी - राव रिडमल जी - राव चुंडा जी - राव विरम देव जी - राव सलखा जी – राव टीडा जी - राव छाड़ा जी - राव जालणसी जी - राव कानपाल जी - राव रायपाल - राव धुहड़ जी - राव आस्थान जी - राव सीहा जी ।
15. - बैरसलोत बीदावत:- बैरसल – राजा बीदा - राव जोधा जी - राव रिडमल जी - राव चुंडा जी - राव विरम देव जी - राव सलखा जी – राव टीडा जी - राव छाड़ा जी - राव जालणसी जी - राव कानपाल जी - राव रायपाल - राव धुहड़ जी - राव आस्थान जी - राव सीहा जी ।
16. - डूंगरसिहोत बीदावत:- डूंगरसिंह – राजा बीदा - राव जोधा जी - राव रिडमल जी - राव चुंडा जी - राव विरम देव जी - राव सलखा जी – राव टीडा जी - राव छाड़ा जी - राव जालणसी जी - राव कानपाल जी - राव रायपाल - राव धुहड़ जी - राव आस्थान जी - राव सीहा जी ।
17. - भोजराज बीदावत: - भोजराज – राजा बीदा - राव जोधा जी - राव रिडमल जी - राव चुंडा जी - राव विरम देव जी - राव सलखा जी – राव टीडा जी - राव छाड़ा जी - राव जालणसी जी - राव कानपाल जी - राव रायपाल - राव धुहड़ जी - राव आस्थान जी - राव सीहा जी ।
18. - रासावत बीदावत:- रासावत - अर्जुन - राजा बीदा - राव जोधा जी - राव रिडमल जी - राव चुंडा जी - राव विरम देव जी - राव सलखा जी – राव टीडा जी - राव छाड़ा जी - राव जालणसी जी - राव कानपाल जी - राव रायपाल - राव धुहड़ जी - राव आस्थान जी - राव सीहा जी ।
ख्यात अनुसार पीढी क्रम ईस प्रकार है -
01. महाराजराजा यशोविग्रह जी (कन्नौज राज्य के राजा)
02. महाराजराजा महीचंद्र जी
03. महाराज राजा चन्द्रदेव जी
04. महाराजराजा मदनपाल जी (1154)
05. महाराज राजा गोविन्द्र जी
06. महाराज राजा विजयचन्द्र जी जी (1162)
07. महाराज राजा जयचन्द जी (कन्नौज उत्तर प्रदेश 1193)
08. राव राजा सेतराम जी
09. राव राजा सीहा जी (बिट्टू गांव पाली, राजस्थान 1273)
10. राव राजा अस्थान जी (1292)
11. राव राजा दूहड़ जी (1309)
12. राव राजा रायपाल जी (1313)
13. राव राजा कान्हापाल जी (1323)
14. राव राजा जलमसी जी (राव जालण जी) (1328)
15. राव राजा चड़ा जी (राव छाडा जी) (1344)
16. राव राजा तिडा जी (राव टीडा जी) (1357)
17. राव राजा सलखा जी (1374)
18. राव बीरम जी (राव विरम देव जी)
19. राव चुंडा जी
20. राव रणमल जी (राव रिङमाल जी)
21. राव जोधा जी
22. राव बीदा जी
राव बीदा के पुत्र हरोजी की पावन भूमि गांव हरासर --
जोधपुर के संस्थापक राव जोधा के पुत्र राव बिदा ने राजस्थान के जांगलू प्रदेश के एक हिस्से में आधिपत्य कर बिदासर नगर की स्थापना कर अपनी राजधानी बनाया । राव बिदा के प्रतापी पुत्रों में से एक हरोजी हुए जिन्हें आपने पिता की मृत्यु उपरांत पेतृक राज्य से 12 गांवों की ताजिमी जागीर मिली ।
हरोजी ने अपनी इन बारह गांवों की जागीर पर सुचारू शासन व्यवस्था चलाने हेतु हरासर नामक गांव की सन-1548में स्थापना कर यहाँ एक किले का निर्माण कराया । हरासर गांव सरदारशहर -अजमेर मेगा हाइवे पर स्थित पड़ीहारा गांव से 6 की.मी की दूरी पर स्थित है । देश के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर धाम सालासर से गांव की दूरी 24 की.मी है ।
कालांतर में हरोजी के वंशज हरावत बिदावत कहलाये जो हरासर के अलावा रूखासर, घोरडा, अरणवोल्यां, बासी, भानीसर आदि विभिन्न गावों मे आबाद है । 600 घरों व 5000 से ऊपर जनसँख्या से आबाद हरासर में हरावत बिदावातों के लगभग 60 घर है ।
हरावत राठौड़ वर्तमान झालावाड़ में भी है इनके बारे में कुछ जानकारी हो तो दे
जवाब देंहटाएंDakawali panchayt samiti ghhuri me khangarot bidawat ka etihas
जवाब देंहटाएंHii
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