सिंहकमलोत राठौड़:- राव छाडा जी के पुत्र राव सिंहमल जी के वंशज सिंहकमलोत राठौड़ कहलाए।
सिंहकमलोत राठौड़ो का पीढी क्रम ईस प्रकार है-
राव सिंहमल जी - राव छाडा जी- जालण जी – (राव जलमसी जी) - राव कान्हापाल जी (राव कनक पाल जी) - राव रायपाल जी- राव दूहड़ जी- राव अस्थान जी-राव सीहा जी- राव राजा सेतराम जी।
ख्यात अनुसार पीढी क्रम ईस प्रकार है -
1. महाराजराजा यशोविग्रह जी (कन्नौज राज्य के राजा)
2. महाराजराजा महीचंद्र जी
3. महाराज राजा चन्द्रदेव जी
4. महाराजराजा मदनपाल जी (1154)
5. महाराज राजा गोविन्द्र जी
6. महाराज राजा विजयचन्द्र जी जी (1162)
7. महाराज राजा जयचन्द जी (कन्नौज उत्तर प्रदेश1193)
8. राव राजा सेतराम जी
9. राव राजा सीहा जी (बिट्टू गांव पाली, राजस्थान1273)
10. राव राजा अस्थान जी (1292)
11. राव राजा दूहड़ जी (1309)
12. राव राजा रायपाल जी (1313)
13. राव राजा कान्हापाल जी (1323)
14. राव राजा जलमसी जी (1328)
15. राव छाडा जी - ये बड़े ही वीर ओर साहसी थे ।इन्होने अपने सभी शत्रुओं को हराकर अपने पूर्वजों काबदला लिया ।इनकी वीरता ओर ख्याति उलेखनीय है।इन्होने जेसलमेर के राव को हराकर उनकी पुत्री सेविवाह किया ।अमर कोट के सोढों को हराकर उन्हें घोड़ेदेने पर मजबूर किया ।जालोर तथा नागोर के तुर्को मारभगाया ।राव छाडा ने पाली सोजत भीनमाल जालोरनागोर जेसलमेर व कई अन्य इलाकों को जीतकर अपनेअधिकार में किया ।इनकी विजयों से जलकर सोनगरों वदेवडा चोहानो ने मिलकर रामा नामक गाँव में अचानकआक्रमण करदिया इसी युद्ध में राव छाडा शत्रुओं कामुकाबला करते हुए विक्रम सम्वत 1401 मेँ वीरगति कोप्राप्त हुए । इनके तीन पुत्र के नाम इस प्रकार है।
1 तिडा जी
2 खोखर जी:-इसके खोखर राठौड़ हुए।
3 सिहमल जी:-इसके सिह्म्लोत राठौड़ कहलाए।
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