जोधपुर अहमदाबाद राष्ट्रिय राजमार्ग पर जोधपुर से पाली जाते वक्त पाली सेलगभग 20 km पहले रोहिट थानेका"दुर्घटना संभावित"क्षेत्रका बोर्डलगा दिखता है और उससे कुछ दूर जाते ही सड़क के किनारे जंगल में लगभग ३० से ४०प्रसाद व पूजा अर्चना के सामान सेसजी दुकाने दिखाई देती है और साथही नजर आता है भीड़ से घिरा एकचबूतरा जिस पर एकबड़ी सी फोटो लगी,और हर वक्तजलती ज्योत | और चबूतरे के पास ही नजरआती है एक फूल मालाओं से लदी बुलेट मोटरसाईकिल | यह वही स्थान है औरवही मोटर साईकिल जिसका में परिचयकरने जा रहा हूँ |यह"ओम बना"का स्थान है ओम बना ( ओमसिंह राठौड़ ) पाली शहर के पासही स्थित चोटिला गांव के ठाकुर जोगसिंह जी राठौड़ के पुत्र थेजिनका इसी स्थान पर अपनी इसी बुलेटमोटर साईकिल पर जाते हुए १९८८ में एकदुर्घटना में निधन हो गया था | स्थानीयलोगों के अनुसार इस स्थान पर हर रोजकोई न कोई वाहन दुर्घटना का शिकारहो जाया करता था जिस पेड के पास ओमसिंह राठौड़ की दुर्घटना घटी उसी जगहपता नहीं कैसे कई वाहनदुर्घटना का शिकार हो जाते यह रहस्यही बना रहता था | कई लोगयहाँ दुर्घटना के शिकार बन अपनी जानगँवा चुके थे | ओम सिंह राठोडकी दुर्घटना में मृत्यु के बाद पुलिस नेअपनी कार्यवाही के तहत उनकी इस मोटरसाईकिल को थाने लाकर बंद करदिया लेकिन दुसरे दिन सुबह ही थाने सेमोटर साईकिल गायब देखकर पुलिसकर्मी हैरान थे आखिर तलाश करने परमोटर साईकिल वही दुर्घटना स्थल परही पाई गई, पुलिस कर्मी दुबारा मोटरसाईकिल थाने लाये लेकिन हर बार सुबहमोटर साईकिल थाने से रात के समय गायबहो दुर्घटना स्थल पर ही अपने आप पहुँचजाती | आखिर पुलिस कर्मियों व ओम सिंहके पिता ने ओम सिंह की मृतआत्मा की यही इच्छा समझ उस मोटरसाईकिल को उसी पेड के पासछाया बना कर रख दिया | इस चमत्कार केबाद रात्रि में वाहन चालको को ओम सिंहअक्सर वाहनों को दुर्घटना से बचाने केउपाय करते व चालकों को रात्रि मेंदुर्घटना से सावधान करते दिखाई देने लगे |वे उस दुर्घटना संभावित जगह तक पहुँचनेवाले वाहन को जबरदस्ती रोक देते या धीरेकर देते ताकि उनकी तरह कोई और वाहनचालक असामयिक मौत का शिकार न बने |और उसके बाद आज तक वहाँ दुबारा कोईदूसरी दुर्घटना नहीं हुयी |ओम सिंह राठौड़ के मरने के बादभी उनकी आत्मा द्वारा इस तरह का नेककाम करते देखे जाने पर वाहन चालको वस्थानीय लोगों में उनकेप्रति श्रधा बढ़ती गयी औरइसी श्रधा का नतीजा है कि ओम बना केइस स्थान पर हर वक्तउनकी पूजा अर्चना करने वालों की भीड़लगी रहती है उस राजमार्ग से गुजरनेवाला हर वाहन यहाँ रुक कर ओमबना को नमन कर ही आगे बढ़ता है और दूरदूर से लोग उनके स्थान पर आकर उनमेअपनी श्रद्धा प्रकट कर उनसे वउनकी मोटर साईकिल से मन्नत मांगते है |
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