उदावत राठौड़:- जोधपुर नरेश राव सूजा जी के पुत्र राव उदा जी थे इन्ही राव उदा जी के वंशज उदावत राठौड़ कहलाये ।
राव उदा जी ने 1539 विक्रमी में सिंधल खीवा से जेतारण विजय किया | उदावत राठोड़ों ने भी समय -समय पर अपनी मात्रभूमि व् जोधपुर नरेश की रक्षार्थ तलवारें बजायी थी | राव उदा जी के छः पुत्र थे ।
01 - राव मालमसिंह जी ।
0 2 -राव डूंगरसिंह जी ।
03 - राव नेतसी जी ।
04 - राव जैतसी जी ।
05 - राव खेतसी जी ।
06 - खींवकरण जी ।
· मालमसिंह के वंशजों के लोटती, गलगिया आदी ठिकाने थे ।
· डूंगर सिंह हरमाड़े स्थल पर राणा उदयसिंह व हाजीखां के बीच युद्ध में हाजी खां के पक्ष में लड़ते हुए काम आये ।
· तीसरे पुत्र नेतसी के वंशजों के अधिकार में बाछीमाड़ा, रायपुर आदी ठिकाने थे ।
· चौथे पुत्र जेतसी के वंशज छीपिया नाबेड़ा में है |
· पांचवे पुत्र खेतसी के वंशज बोयल गाँव के अधिकारी थे ।
· छठे पुत्र खिंवकरण थे ।इनके पुत्र रतनसिंह, मालसिंह ( जेतारण ) गोद चले गए ।
खिंवकरण बड़े वीर थे सुमेल के युद्ध में शेरशाह के विरुद्ध लड़ते हुए काम आये । खिंवकरण के पुत्र उदयसिंह मेवाड़ के राना उदयसिंह व हाजी खां के बीच हुए युद्ध में विक्रमी 1613 में लड़े । रतनसिंह के समय जेतारण पर हमला हुआ, रतनसिंह ने वीरगति पाई यह घटना विक्रमी संवत 1614 की हे । रतनसिंह के साथ किशन दास, शंकरदा, नारायण दास , नगराज व खेतसी पर्वतोंत भी काम आये ।
चंद्रसेन व उदयसिंह की लड़ाई में रतनसिंह के पुत्र कल्याणसिंह ने चन्द्रसेन जी के पक्ष में युद्ध किया । कल्याणसिंह जहाँगीर के समय बंगस की लड़ाई में काम आये । इनके पुत्र मुकंददास को सूरसिंह ने आसरडाइ का ठिकाना प्रदान किया । सोजत परगना दिलाने में मुकुन्ददास के पुत्र विजयरामजी को रास का ठिकाना मिला । विजयरामजी के पुत्र मालसिंह को इनके भाई जगरामसिंह ने मारकर रास पर अधिकार कर लिया | अजीतसिंह के समय मारवाड़ को वापिस लेने में ओरंगजेब की सेना के साथ दुर्गादास ने जो युद्ध किये उनमे जगराम सिंह ने अच्छी बहादुरी दिखाई । जोधपुर मिलने पर अजीतसिंह ने 10 गाँवो सहित इनको नीमाज का ठिकाना इनायत किया । इनके पुत्र उदयरामजी को नोबेल का ठिकाना व अनोपरामजी को जूझणडा मिला । मानसिंह के समय में सुरतान सिंह नीमाज को बाझाकुडी व डाबड़ीयाद की जागीर दी गई । बाद में सुरतान सिंह पर मानसिंह की कुद्रष्टि हो गयी तब जोधपुर स्थिति नीमाज की हवेली को मनसिंह की सेना ने कब्जा कर लिया । सुरतानसिंह इस झगड़े में काम आये । इसी समय पीह के ठा. उदावत भोमसिंह, नगजी ब्राह्मण व भडेगाँव का रुपावत राठौड़ खेतसी भी नमक की लाज रखते हुए वीरगति को प्राप्त हुआ ।
उदावत राठौड़ो के सब ठिकानों का विवरण इस प्रकार है –
01 - ठिकाना रायपुर (21 गाँव)
02 - नीमाज (9 गाँव)
03 - रास (14 गाँव)
04 - लाबिया (6 गाँव)
07 - गुदवच (6 गाँव) ये सब बड़े ठिकाने थे । इनेक अलावा-
रामपुरो , पालसणी भैरुंदा, बांसियों ,देवली ,अभेपुरो ,आकेलो ,नीबेड़ो,बीकालाई(आधा ),पाटवो, गेमलियावास , निबोल ,खीनवड़ी ,बिरोल ,रामावास , जालीवाडो,बर ,डेह ,संडीलो ,बेदापंडी ,करमावास ,वोयल,डाभली ,पीह ,काल्यारडो,मंडोवरी ,कुलयानों,बवाल ,रेबडारोबोस ,धालियो,रिठमलरो बास ,चाँदवासणा ,कलाउना,खडालो ,भुंड ,वडी,मोडावली स्याह ,कापडोद,बासडी ,बालेरा देवरिओ,राजाडेड ,लासणी ,रिखलिया ,मामुजो,लूडी ,लूणीदो ,गोपड़ी ,बराठीयो ,महेसियो ,खीवांसर ,धूलको ,पिरलीपुरो ,पुनडाउ आदी छोटे ठिकाने थे।
उदावत राठौड़ो का पीढी क्रम इस प्रकार है –
01 - राव मालमसिंह जी - राव सूजा जी - राव जोधा जी- राव रणमल जी (राव रिङमाल जी)
02 - राव डूंगरसिंह जी- राव सूजा जी - राव जोधा जी- राव रणमल जी (राव रिङमाल जी)
03 - राव नेतसी जी -- राव सूजा जी - राव जोधा जी- राव रणमल जी (राव रिङमाल जी)
04 - राव जैतसी जी - राव सूजा जी - राव जोधा जी- राव रणमल जी (राव रिङमाल जी)
05 - राव खेतसी जी- राव सूजा जी - राव जोधा जी- राव रणमल जी (राव रिङमाल जी)
006 - खींवकरण जी - राव सूजा जी - राव जोधा जी- राव रणमल जी (राव रिङमाल जी)
ख्यात अनुसार पीढी क्रम ईस प्रकार है -
01. महाराजराजा यशोविग्रह जी (कन्नौज राज्य के राजा)
02. महाराजराजा महीचंद्र जी
03. महाराज राजा चन्द्रदेव जी
04. महाराजराजा मदनपाल जी (1154)
05. महाराज राजा गोविन्द्र जी
06. महाराज राजा विजयचन्द्र जी जी (1162)
07. महाराज राजा जयचन्द जी (कन्नौज उत्तर प्रदेश1193)
08. राव राजा सेतराम जी
09. राव राजा सीहा जी (बिट्टू गांव पाली, राजस्थान1273)
10. राव राजा अस्थान जी (1292)
11. राव राजा दूहड़ जी (1309)
12. राव राजा रायपाल जी (1313)
13. राव राजा कान्हापाल जी (1323)
14. राव राजा जलमसी जी (राव जालण जी) (1328)
15. राव राजा चड़ा जी (राव छाडा जी) (1344)
16. राव राजा तिडा जी (राव टीडा जी) (1357)
17. राव राजा सलखा जी (1374)
18. राव बीरम जी (राव विरम देव जी)
19. राव चुंडा जी
20. राव रणमल जी (राव रिङमाल जी)
21. राव जोधा जी
22. राव सूजा जी
1 राव मालमसिंह जी (राव सूजा जी के पुत्र)
राव डूंगरसिंह जी (राव सूजा जी के पुत्र)
राव नेतसी जी (राव सूजा जी के पुत्र)
राव जैतसी जी (राव सूजा जी के पुत्र)
राव खेतसी जी (राव सूजा जी के पुत्र)
राव खींवकरण जी (राव सूजा जी के पुत्र)
Jay rajputana
जवाब देंहटाएंJai rajputana
हटाएंरणबंका राठौड़
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी है ।
जवाब देंहटाएंJankari galat hai... Dungar Singh ke Putra tej Singh ji the... Jo harmada mei kaam aaye the...
जवाब देंहटाएंKhudal not khadalo
जवाब देंहटाएंKhadalo nhi hh kudala hh
जवाब देंहटाएंपीपाड़ पंचायत समिति के गांव
जवाब देंहटाएंपीपाड़ सियारा चौकड़ी कला चौकड़ी खुर्द
पुंदलू यह सभी गांव उदावत के है इन गांवों को भी जुड़े हो आप उदावत राठौड़ समाज के अध्यक्ष भगवत सिंह जी यह जानकारी उन्हें अवगत करावे 9636612615
Narendra Singh udawat from Pratapgarh Rajasthan tha 5gav h uadawto k sabse bda gav lasudiya rathore 250 ghr h udawato k
जवाब देंहटाएंMobile no 8529286070
हटाएंकुशालपुरा किस ठिकाने के अधीन था और इसका बताओ
जवाब देंहटाएंकुशालपुरा लाम्बिया ठिकाने के आधीन था
जवाब देंहटाएंझुन्झुनूं जिले के डूण्डलोद गांव मे भी उदावत है जी
जवाब देंहटाएंहम लोग कन्नौज से उठ के आलमपुर आये थे
जवाब देंहटाएंRamsingh udawat from katar chhoti (Churu)
जवाब देंहटाएंHmare yha bhi udawat hai