रुपावत राठौड़:- राव रिडमल जी (राव रणमल जी) के पुत्र राव रूपा जी के वंशज रुपावत राठौड़ कहलाये है।राव रूपा जी, राव जोधा जी के सगे भाई थे ।
(01) राव सीहा जी
(02) राव आस्थान जी
(03) राव धुहड जी
(04) राव रायपाल जी
(05) राव कनक पाल जी
(06) राव जलमसी जी (राव जालण जी)
(07) राव राजा चड़ा जी (राव छाडा जी)
(08) राव तिडा जी
(09) राव सलखा जी
(10) राव वीरम देवजी
(11) राव चुंडा जी
(12) राव रिडमल जी (राव रणमल जी)
राव रिडमल जी (राव रणमल जी) के 24 पुत्र थे -
01 राव अखेराज जी
02 राव जोधा जी
03 रावत कांधल जी
04 राव चाम्पा जी
05 राव मंडला जी
06 राव भाखर जी
07 राव पाताजी
08 राव रूपा जी
09 राव करण जी
10 राव मानडण जी
11 राव नाथो जी
12 राव सांडो जी
13 राव बेरिसाल जी
14 राव अड्मल जी
15 राव जगमाल जी
16 राव लखाजी
17 राव डूंगर जी
18 राव जेतमाल जी
19 राव उदाजी
20 राव हापो जी
21 राव सगत जी
22 राव सायर जी
23 राव गोयन्द जी
24 राव सुजाण जी।
राव जोधा जी के सगे भाई - राव कांधल जी, राव रूपा जी, राव मांडल जी, राव नथु जी और राव नन्दा जी ये पाँच सरदार जो जोधा के सगे भाई थे।
रुपावत राठौड़ो की खापें व ठिकानों का विवरण इस प्रकार है –
राव रिडमल जी (राव रणमल जी) के पुत्र राव रूपा जीने राव बीका जी का उस समय साथ दिया जब वे जांगल देश पर अधिकार कर रहे थे। इन्ही रूपा के वंशज रुपावत राठौड़ हुए है।
मारवाड़ में इनकी चाखु एक ताजीमी ठिकाना था ।
दूसरा ताजीमी ठिकाना भादला (बीकानेर ) राज्य में था।
इनके अतिरिक्त ऊदट (फलोदी )कलवाणी (नगौर) भेड़(फलोदी )मूंजासर (फलोदी )मारवाड़ में तथा सोभानो ,उदासर आदी बीकानेर राज्य के छोटे छोटे ठिकाने थे ।
रुपावत राठौड़ो का पीढी क्रम इस प्रकार है –
राव रूपा जी - राव रिडमल जी (राव रणमल जी) - राव राजा चड़ा जी (राव छाडा जी) - राव वीरम देवजी - राव सलखा जी - राव तिडा जी - राव छाडा जी - राव जलमसी जी (राव जालण जी) - राव कनक पाल जी - राव रायपाल जी - राव धुहड जी - राव आस्थान जी - राव सीहा जी ।
रुपावत राठौड़ो की ख्यात अनुसार पीढी क्रम ईस प्रकार है -
01. महाराजराजा यशोविग्रह जी (कन्नौज राज्य के राजा)
02. महाराजराजा महीचंद्र जी
03. महाराज राजा चन्द्रदेव जी
04. महाराजराजा मदनपाल जी (1154)
05. महाराज राजा गोविन्द्र जी
06. महाराज राजा विजयचन्द्र जी जी (1162)
07. महाराज राजा जयचन्द जी (कन्नौज उत्तर प्रदेश1193)
08. राव राजा सेतराम जी
09. राव राजा सीहा जी (बिट्टू गांव पाली, राजस्थान1273)
10. राव राजा अस्थान जी (1292)
11. राव राजा दूहड़ जी (1309)
12. राव राजा रायपाल जी (1313)
13. राव राजा कान्हापाल जी (1323)
14. राव राजा जलमसी जी (राव जालण जी) (1328)
15. राव राजा चड़ा जी (राव छाडा जी) (1344)
16. राव राजा तिडा जी (राव टीडा जी) (1357)
17. राव राजा सलखा जी (1374)
18. राव बीरम जी (राव विरम देव जी)
19. राव चुंडा जी
20. राव रणमल जी (राव रिङमाल जी)
21. राव रूपा जी
लेखक---दयाल सिंह भाटी ठिकाना जांगलू (बीकानेर)
राव रूपाजी और 24 भाई थे, परन्तु एक ही गर्भ से चाम्पाजी, रूपाजी और माण्डलजी थे ! रिड़मल ने 8 विवाह किये थे और उन्ही के एक रानी से ये तीन सग्गे भाई थे !! 9783766997
जवाब देंहटाएंRupawato ki dhaniya w ganw konse h
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हटाएंHukum kya apko blogger se paise mile kya. Yah sahi h ya
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंBemla gav me konse rathore rehte he udaipur jile ke bemla gav me
जवाब देंहटाएंKarnot
हटाएंभाटी साहब इतिहास तो अच्छा लिखा लेकिन पुराने समय में सिर्फ नाम के आगे राव ही लगता था आपने राव राजा लिख दिया जो उचित नहीं है राव राजा उपाधि दूसरों की थी
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