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हाड़ी की रानी

हाड़ी रानी

!!जय राजपुताना!!

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"जय माँ भवानी" का जय कारा जरूर लगाये

हाड़ी रानी:- के विषय आप सब तो आप सब जानते ही होंगे  
एक ऐसी रानी का जिक्र किया था जिसने युद्ध में जाते अपने पति को
निशानी मांगने पर अपना सिर काट कर भिजवा दिया था | 
यह रानी बूंदी के हाडा शासक की बेटी थी और उदयपुर (मेवाड़) के सलुम्बर
ठिकाने के रावत चुण्डावत की रानी थी | जिनकी शादी का गठ्जोडा खुलने से 
पहले ही उसके पति रावत चुण्डावत को मेवाड़ के महाराणा राज सिंह (1653-1681)
का औरंगजेब के खिलाफ मेवाड़ की रक्षार्थ युद्ध का फरमान मिला | 
नई-नई शादी होने और अपनी रूपवती पत्नी को छोड़ कर रावत चुण्डावत का 
तुंरत युद्ध में जाने का मन नही हो रहा था यह बात रानी को पता लगते ही उसने
तुंरत रावत जी को मेवाड़ की रक्षार्थ जाने व वीरता पूर्वक युद्ध करने का आग्रह किया | 
युद्ध में जाते रावत चुण्डावत पत्नी मोह नही त्याग पा रहे थे सो युद्ध में जाते समय
उन्होंने अपने सेवक को रानी के रणवास में भेज रानी की कोई निशानी लाने को कहा | 
सेवक के निशानी मांगने पर रानी ने यह सोच कर कि कहीं उसके पति पत्नीमोह में युद्ध
 से विमुख न हो जाए या वीरता नही प्रदर्शित कर पाए इसी आशंका के चलते इस वीर रानी
ने अपना शीश काट कर ही निशानी के तौर पर भेज दिया ताकि उसका पति अब 
उसका मोह त्याग निर्भय होकर अपनी मातृभूमि के लिए युद्ध कर सके | 
और रावत चुण्डावत ने अपनी पत्नी का कटा शीश गले में लटका औरंगजेब की
सेना के साथ भयंकर युद्ध किया और वीरता पूर्वक लड़ते हुए अपनी मातृभूमि के लिए शहीद हो गया |

जय माँ भवानी 



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