जैतावत राठौड़ : राव जैतसी जी (1526-1542 ई.) के वंशज जैतावत राठौड़ कहलाये है ।
राव जैतसी जी - राव पंचायण जी - राव अखैराज जी राव रिङमाल जी राव चूङावत जी
राव रणमल जी (राव रिडमल जी) के ज्येष्ठ पुत्र राव अखैराज जी थे । इनके दो पुत्र राव पंचायण जी व् रावमहाराज जी हुए। पंचायण के पुत्र राव जैतसी जी के वंशज जैतावत राठौड़ (जेतावत राठौड़) कहलाये है। ठिकाना बागङी।
01. पिरथीराजोत जैतावत:- जैताजी के पुत्र प्रथ्वीराज के वंशज पिरथीराजोत जैतावत कहलाये। बगड़ी मारवाड़ और सोजत खोखरो, बाली इनके ठिकाने रहे है।
02. आसकरनोत जैतावत:- जैताजी के पोत्र आसकरण देईदानोत के वंशज आसकरनोत जैतावत कहलाये है। मारवाड़ में थावला, आलासण, रायरो बड़ो, सदा मणी, लाबोड़ी, मुरढावों, आदी ठिकाने इनके थे ।
03. भोपपोत जैतावत:- जैताजी के पुत्र देई दानजी के पुत्र भोपत के वंशज भोपपोत जैतावत कहलाते है। मारवाड़ में खांडो देव, रामसिंह को गुडो आदी ठिकाने इनके है ।
राव पंचायण (खींसर),राव अखैराज (जोधपुर के राजा राव जोधा के भाई बगड़ी तहसील सोजत, जिला पाली, राजस्थान)
महाराणा प्रताप की माता का नाम जैवन्ताबाई था, जो अखैराज की बेटी थी।
राव रिडमल जी के 24 पुत्र थे।
• 01 अखेराज:-के वंशज जैतावत (जेतावत); कलावत; भादाव्त तथा कुम्पावत
• 02 राव जोधा जी:-इनके वंशज जोधा राठौड़
• 03 रावत कांधल जी:--इनके वंशज बनीरोत; राव्तोत; साईं दासोत; पुरणमलोत तथा
पर्वतोंत कांधलोत कहलाए। खेतसी रावत कांधल के पुत्र अङक मलजी के पुत्र थे।
रावत कांधल के तीसरे पुत्र अरड़कमल जी थे।
• 04 चाम्पा जी - के इनके वंशज चम्पावत
• 05 मंडला जी - के इनके वंशज मण्डलावत
• 06 भाखर जी - भाखरोत तथा बाला राठौड़
• 07 पाताजी - के इनके वंशज पतावत
• 08 रूपा जी - के इनके वंशज रुपाव्त
• 09 करण जी - के इनके वंशज कर्णावत इसी वंश में वीर दुर्गादास हुए
• 10 मानडण जी - के इनके वंशज मानड्नोत
• 11 नाथो जी - के इनके वंशज नाथोत
• 12 सांडो जी के - इनके वंशज सांडावत
• 13 बेरिसाल जी - के इनके वंशज बेराव्त
• 14 अड्मल जी - के इनके वंशज अडमलोत
• 15 जगमाल जी- के पुत्र खेतसी से - खेतसिहोत
• 16 लखाजी - से इनके वंशज लखावत
• 17 डूंगर जी - से इनके वंशज डूंगरोत
• 18 जेतमाल जी – के पुत्र भोजराज - से इनके वंशज भोजराजोत
• 19 उदाजी -
• 20 हापो जी - इनके वंशज हापावत
• 21 सगत जी (सकतसिँह जी) - इनके वंशज सकतसिँहोत
• 22 सायर -
• 23 गोयन्द -
• 24 सुजाण -
राठौड़ो ने जब मेवाड़ के कुम्भा से मंडोर वापिस लिया उस समय अखेराज जी ने अपना अंगूठा चीरकर खून से जोधा का तिलक किया और कहा आपको मंडोर मुबारक हो। उतर में जोधाजी ने कहा आपको बगड़ी मुबारक हो । उस समय बगड़ी (सोजत परगना )मेवाड़ से छीन लिया और बगड़ी अखेराज को प्रदान कर दी तब से यह रीती चली आई थी की जब भी जोधपुर के राजा का राजतिलक बगड़ी का ठाकुर अंगूठे के खून से राजतिलक होता । और बगड़ी ऐक बार पुनः उन्हें दी जाती । अखेराज के पोत्र जैताजी बड़े वीर थे । विक्रमी संवत 1600 में हुए सुमेल के युद्ध में शेरसाह से चालाकी से मालदेव आपने पक्ष के योधाओं को लेकर पलायन कर गए थे। परन्तु जैताजी और कुंपा जी ने अदभुत पराक्रम दिखाते हुए शेरशाह की सेना का मुकाबला किया । दोनों द्वारा अनेको शत्रुओं को धरा शाही कर वीरगति पाने पर शेरशाह उनकी मृत देह को देखकर दंग रह गया था । जैतावत ने समय समय पर मारवाड़ की रक्षा और राठोड़ों की आन के लिए रणभूमि में तलवारें बजायी थी ।,मारवाड़ में इनका प्रमुख ठिकाना बगड़ी था तथा दूसरा खोखरा। दोनों ठिकानो को हाथ का कुरव और ताज्मी का सम्मान प्राप्त था ।
जैतावत राठौड़ो का पीढी क्रम इस प्रकार है –
राव जैतसी जी - राव पंचायण जी - राव अखैराज जी - राव रणमल जी - राव चूडा जी – राव वीरमदेव जी - राव सलखा जी - राव टीडा जी - राव छाङा जी - राव जालण जी - राव कानपाल जी - राव रायपाल जी - राव दूहङ - जी - राव आस्थान जी - राव सीहा जी।
ख्यात अनुसार पीढी क्रम ईस प्रकार है -
01. महाराजराजा यशोविग्रह जी (कन्नौज राज्य के राजा)
02. महाराजराजा महीचंद्र जी
03. महाराज राजा चन्द्रदेव जी
04. महाराजराजा मदनपाल जी (1154)
05. महाराज राजा गोविन्द्र जी
06. महाराज राजा विजयचन्द्र जी जी (1162)
07. महाराज राजा जयचन्द जी (कन्नौज उत्तर प्रदेश1193)
08. राव राजा सेतराम जी
09. राव राजा सीहा जी (बिट्टू गांव पाली, राजस्थान1273)
10. राव राजा अस्थान जी (1292)
11. राव राजा दूहड़ जी (1309)
12. राव राजा रायपाल जी (1313)
13. राव राजा कान्हापाल जी (1323)
14. राव राजा जलमसी जी (राव जालण जी) (1328)
15. राव राजा चड़ा जी (राव छाडा जी) (1344)
16. राव राजा तिडा जी (राव टीडा जी) (1357)
17. राव राजा सलखा जी (1374)
18. राव बीरम जी (राव विरम देव जी)
19. राव चुंडा जी
20. राव रणमल जी (राव रिङमाल जी)
21. राव अखेराज जी (राव अखैराज जी)
22. राव पंचायण जी (राव अखेराज जी के पुत्र
23. राव जैतसी जी
आपने महाराणा प्रताप की माता जयवन्ती बाई अखैराज जोधपुर लिखा जब की अखैराज सोनीगरा चौहान पालीपती कि पुत्री थी सुधार करे
जवाब देंहटाएंबडागुडा भी जैतावत काम ठिकाना है । इसका भी उल्लेख करवा सा। जो नवगुडो मे मुख्य ठिकाना है ।
जवाब देंहटाएंराव अखेराज की राव जैता जी के
जवाब देंहटाएंदादा थे मतलब जयंताबाई राव जैता जी
भुवा थी
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